लेकिन देश के लोकतंत्र और चुनाव के बारे में मामूली ज्ञान रखने वाला इंसान भी जानता है कि यहाँ चुनाव जीतने के लिए धर्म और जाति के आधार पर उम्मीदवार खड़े करना, चुनाव के समय झूठे वादे करना, साम्प्रदायिक दंगे भड़काकर हिन्दू-मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण करना, वोट खरीदना, शराब पिलाना, बूथ कब्जाना और तरह-तरह के आपराधिक हथकंडे ही जीत-हार का फैसला करते हैं।